लक्षण (हरिगीतिका) :-
अभिप्राय सिद्धि समर्थसूचक नाम आनल जात बा।
परिकरांकुर नाम के तब अलंकार सुहात बा॥
उदाहरण (सवैया) :-
धरती न अयोध्या के युद्ध का योग्य हवे तब नाम अयोध्या सुहाला।
पर हाथ मुलायम के हरि भक्तन के हते हेतु सदा खजुवाला।
जनता में जे बाटे प्रसिद्ध मुलायम ऊ यदि ऐसन क्रूर देखाला।
तब का करिहें विसुनाथ तथा चनसेखर जे महारारूद्र कहाला॥